पत्रकार छातियां पीट कर विधवा विलाप कर रहे हैं....नेता सोच रहे हैं कि चलो इसी बहाने अपनी अपनी सियासत सध जाएगी....पब्लिक कहते हैं कि सब जानती है....फिर खामोश क्यों है...या शायद इसी लिए खामोश है....??? और ज़ाहिर है इस सब के बीच सबसे ज़्यादा अगर कोई खुश है तो बाल ठाकरे...उनके लल्ला...और उनके भतीजे राज ठाकरे....अचानक से पैदा हुए इस अति मूर्खतापूर्ण विवाद ने ठोकरें खा रहे बाल और उद्धव ठाकरे को फिर से चर्चा में ला दिया है....बाल ठाकरे जिनके सारे बाल अब सफेद से भी ज़्यादा सफेद रंग के हो गए हैं....कब्र में पैर लटकाए अपने उद्दंड या उनकी खुद की ही भाषा में कहें तो लफंगे कार्यकर्ताओं को कोने में ले जाकर समझा रहे होंगे....कि "ये मौका चूक गए तो फिर दूसरा नहीं मिलेगा...." भतीजे को भी लगने लगा कि मौका अच्छा है बीच में घुसो और बहती गंगा में हाथ धो लो....
अब असल मसला क्या है इस बारे में कोई भी दावा नहीं कर सकता है....पर कुल मिलाकर आम आदमी के अलावा सबके लिए सहालग का वक्त है....(सहालग-शादी के मुहूर्तों का वक्त) और ज़ाहिर है इस सहालग में आम आदमी की हालत लड़की के मां बाप वाली है....समधी खुश है...दुल्हन खुश है....हलवाई और टेंट वाला खुश है....सबके अपने अपने मतलब सध रहे हैं....बाकी कोई चिंता में है तो वो लड़की के मां बाप.....सहालग कैसे कह सकते हैं इस सवाल का जवाब भी समझिए....बाल और उनके लाल खुश हैं कि चलो एक आखिरी मौका मिला....राज इसलिए खुश हैं कि मुद्दा कोई उठाए श्रेय वो ले जाएंगे....बाकी दल इसलिए खुश हैं कि उत्तर भारतीय इंसान हों न हों....वोट बैंक तो हैं ही....सो बयान भर ही तो देना है....पत्रकार खुश हैं कि लम्बे वक्त बाद एक लम्बा चलने वाला मुद्दा हाथ लगा है....टीआरपी भी देगा....सर्कुलेशन भी बढ़ाएगा....और इसी बहाने फिल्मी गॉसिप और सेक्स स्कैंडलों के नॉन न्यूज़ आइटम से कुछ दिन के लिए मुक्ति मिलेगी.....मतलब कि अर्थ भी और धर्म भी....विश्लेषक और बुद्धिजीवी भी बन ठन कर....चेहरे पर चिंता और गंभीरता ओढ़ कर टीवी चैनलों पर काजू टूंगते हुए इस बेहद गंभीर मुद्दे को स्टूडियों में बैठे बैठे ही हल करने की कोशिश कर रहे हैं.....
महाराष्ट्र के बाहर रह रहे उत्तर भारतीय टीवी देख कर दोनो सेनाओं....(शिव और महाराष्ट्र नवनिर्माण) को गालियां दे रहे हैं..... महाराष्ट्र के बाहर उत्तर भारत में रह रहे मराठी एक अनजाने भय से ग्रस्त हो रहे हैं....और महाराष्ट्र में रह रहे उत्तर भारतीय या तो पिट रहे हैं या पिटाई का इंतज़ार कर रहे हैं.....किंग शाहरुख फिल्म के रिलीज़ के पहले चिल्ला रहे हैं माई नेम इज़ खान....(भले ही बाद में ठाकरे के घर डिनर कर आएंगे....) बिग बी ठाकरे के फैन हो चले हैं....और युवराज राहुल मुंबई जा रहे हैं....किंग खान को सरकार ने सुरक्षा देने की घोषणा कर दी है....लल्ला राहुल को सुरक्षा सरकार को झक मारकर देनी पड़ेगी....बिग बी सेना की शरण में है सो उनकी सुरक्षा ठाकरे के गुंडे कर लेंगे....लेकिन आम आदमी.....उसकी सुरक्षा कौन करेगा....अब यार सबको तो खुश नहीं रखा जा सकता है न....कोई बात नहीं अगली बार आम आदमी की सुरक्षा के लिए सोच लेंगे.....
बाल ठाकरे तुम्हारी हैसियत तुम्हारी भाषा से दिखती है....उद्धव तुम पढ़े लिखे गंवार हो...राज ठाकरे राजनीति के लिए तुम कुछ भी करोगे....लेकिन तुम तीनों से डर नहीं है....डर है अपने आप से....अपने जैसे उन तमाम आम लोगों से सबकुछ देख कर भी कुछ नहीं करना चाहते हैं.....मैंने ब्लॉग लिख कर अपनी भड़ास निकाल ली....और आप टीवी देख कर इन कुत्सित....नीच....मूर्ख कट्टरपंथियों को गरिया कर.....हम अपने वोट से सरकार बदल कर भी माहौल नहीं बदल पाते हैं....हम पड़ लिख कर भी अपने आप को नहीं बदल पाते हैं....हम कुछ नहीं करना चाहते हैं....हम..... डर है अपने आप से....और शायद घृणा भी.....
क्या आपको नहीं है.....जवाब दें.....
कब सुखेंगे भोपाल के जख्म,क्यों मजबूर हैं हम
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*कब सुखेंगे भोपाल के जख्म,क्यों मजबूर हैं हम*
भोपाल गैस त्रासदी के 26 साल कुछेक महीने बाद पूरे हो जायेंगे लेकिन पीड़ितों
के जख्म पर मरहम लगने की कोई संभावना...
14 years ago
2 comments:
यह कोई नई बात तो है नही ...ठाकरे परीवार हर बार सुर्खियों में रहना चाहता है ... कभी बिहारियों को मुद्दा बनाता है तो कभी पाकिस्तानियों को और इस बार भी उसकी मंशा यही है कि किसी भी तरह ठाकरे हर अखबार में रहे ..हर चैनल पर उसकी ही खबरे चले ..और हम भी वही कर रहे है जो उसे चाहिए उसे दिए जा रहे है ...आज हर व्यक्ति उसी की बात कर रहा ..कुख्यात ही सही ख्याती ही तो मिल ही रही है उसे ..इसलिए ये सिर्फ सरकार की ही नही हमारी यानी आम जनता की भी जिम्मेदारी है कि उसे अहमियत देना बंद करें ..ना उसके बारे में बात करे ना उसे ब्लॉग में जगह दे..तभी उसे करारा जवाब मिलेगा
क्या बात है मनीष जी....आप तो बड़े बहादुर निकले....इतना खुल कर तो आज तक किसी न्यूज़पेपर या फिर कोई ख़बरिया चैनल भी नहीं बोल पाया है....आपकी इस वीरता को सलाम करता हूं। आपका
सितांशु शेखर
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